दोस्तों, किसी भी एनजीओ मैं रजिस्ट्रेशन केवल कागज़ों पर होने से समाज ओर कौम का काम पूरा नहीं हो जाता, इसका संचालन सुचारू रूप से भी ज़मीन पर होना चाहिए तभी समाज और आपको इसका लाभ दिखेगा, एक एनजीओ चलाने के लिए सबसे बड़ी चीज होती है इंसान की सोच यदि आपकी सोच बड़ी ओर पाक साफ़ है और आप लोगो के साथ मिलकर काम कर सकते हैं, आप क़ौम के किसी परेशान की मदद कर सकते हैं तो आप अपने ज़िले मैं संगठन जरूर चला सकेंगे, पूरे भारत मैं करीब 30 लाख एनजीओ रजिस्टर हैं, कितने ज़मीन पर काम करते हैं ये सब आप समझ सकते हैं. बहुत से इस्लामिक संगठन (एनजीओ) भी देश मैं मौजूद हैं, मगर मुस्लिमों की असल ज़रूरत पर आज तक काम कहीं दिखाई नहीं दिया, इसीलिए *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* की बुनियाद बहुत ही सोच समझकर रखी गई है, हमको मुल्क के कौने कौने, हर शहर कस्बे और गांव मैं ज़मीन पर आपके साथ मिलकर कई ज़रूरी मुद्दों पर काम करना है, इसलिए आपको *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* मिलकर काम करने की दावत दे रहा है. *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* की नज़र मैं क़ौम की अहम ज़रूरत है, बेरोजगारी, भुखमरी और दीनी और दुनिंयावी तालीम दोनों क