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क्यूं और कैसे फंसाया गया है हम मुस्लिमों को एक भ्रम जाल मैं...?

दोस्तों, आज देश मैं मुसलमान हालात उतने ख़राब नहीं हैं जितने पूरी मैं हैं, भारत मैं हम मुसलमानों को कमज़ोर पिछड़ा, अनपढ़ और ग़रीब बताकर हमेशा ही निशाना बनाया जाता है, चुनावों मैं ख़ासकर एक पार्टी के ज़रिये मुस्लिमों को वोट की ख़ातिर टारगेट किया जाता है, आज मुसलमान एक पार्टी के लिए जीत का फ़ॉर्मूला बन चुका है, चुनावों में तो हिंदू मुस्लिम होता ही है, लेकिन सत्ता पाने के बाद भी अपनी

ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद के नियम और काम...?

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दोस्तों,      किसी भी एनजीओ मैं रजिस्ट्रेशन केवल कागज़ों पर होने से समाज ओर कौम का काम पूरा नहीं हो जाता, इसका संचालन सुचारू रूप से भी ज़मीन पर होना चाहिए तभी समाज और आपको इसका लाभ दिखेगा, एक एनजीओ चलाने के लिए सबसे बड़ी चीज होती है इंसान की सोच यदि आपकी सोच बड़ी ओर पाक साफ़ है और आप लोगो के साथ मिलकर काम कर सकते हैं, आप क़ौम के किसी परेशान की मदद कर सकते हैं तो आप अपने ज़िले मैं संगठन जरूर चला सकेंगे, पूरे भारत मैं करीब 30 लाख एनजीओ रजिस्टर हैं, कितने ज़मीन पर काम करते हैं ये सब आप समझ सकते हैं. बहुत से इस्लामिक संगठन (एनजीओ) भी देश मैं मौजूद हैं, मगर मुस्लिमों की असल ज़रूरत पर आज तक काम कहीं दिखाई नहीं दिया, इसीलिए *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* की बुनियाद बहुत ही सोच समझकर रखी गई है, हमको मुल्क के कौने कौने, हर शहर कस्बे और गांव मैं ज़मीन पर आपके साथ मिलकर कई ज़रूरी मुद्दों पर काम करना है, इसलिए आपको *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* मिलकर काम करने की दावत दे रहा है. *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* की नज़र मैं क़ौम की अहम ज़रूरत है, बेरोजगारी, भुखमरी और दीनी और दुनिंयावी तालीम दोनों क

2012 मैं मुसलमानों किये वादे निकले थे अखिलेश, कितने पूरे किये...?

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" एस एम फ़रीद भारतीय " किस मुंह से सपा प्रदेश के मुसलमानों के बीच जायेगी, कैसे करेगी नये वादे और मुसलमान यक़ीन क्यूं करें यही आज चुनाव की घोषणा से पहले सबसे बड़ा सवाल है...? हम आपको बता दें कि 2012 मैं अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुसलमानों से कहा था कि तकनीकी क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए उर्दू भाषा को तकनीकी क्षेत्र से भी जोड़ा जायेगा, मदरसों में केवल धर्म से जुड़ा ज्ञान ही नहीं दिया जायेगा बल्कि तकनीकी शिक्षा भी दी जायेगी इसके लिए मदरसों में विशेष बजट का प्रावधान किया जायेगा, मुख्‍यमंत्री ने मुस्लिमों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार रंगनाथ मिश्र एवं सच्चर आयोग की अहम और बुनियादी सिफारिशों को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव डालेगी. तब यादवजी ने यह भी कहा था कि जो सिफारिशें राज्य सरकार लागू कर सकती है उन्हें अतिशीघ्र प्रदेश में लागू कर दिया जायेगा, उन्होंने कहा कि सच्चर आयोग की सिफारिशों के क्रम में मुसलमानों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से अत्यन्त पिछड़ा मानते हुए उन्हें दलितों की तरह जनसंख्या के आधार पर अलग से आरक्षण दिया जायेगा. यादव ने कहा कि उनकी

हम मुसलमान अपने ही आलिमों की नज़र मैं...?

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" एस एम फ़रीद भारतीय " जब भी हमारे आलिम ब्यान देते हैं मुसलमानों पर हो रहे ज़ुल्म के बारे में तो वो अकसर एक बात ज़रूर कहते हैं "ये सब हमारे आमाल की सज़ा है नमाज़ पढ़ो और रोज़े रखो" पर कभी ये नहीं बताते कि ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने के लिए इस्लाम ने कौनसा तरीक़ा बताया है। जब हम नमाज़ के

हम मुसलमान और हमारे आदाब क्या हैं...?

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एस एम फ़रीद भारतीय महासचिव- ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद *देवबंदी*:- नमाज़ के पाबंद और लिबास व शक्ल से ईमान का जिंदा नमूना हें। *अहले-हदीस*: - कुरआन मजीद और सहीह हदीस की तालीम पर ज़ोर डालने वाले। * शिया *:- उम्दा अखलाक़ और उम्दा

क्यूं परेशान है मुस्लिम...?

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दोस्तों , आज पूरे मुल्क मैं एक अफ़रा तफ़री का माहौल है, हर तरफ़ से मुसलमान को निशाना बनाने के साथ राजनीति करने का साधन बना लिया है, ख़ासकर यूपी सरकार मैं मुसलमानों के नाम पर बनी सड़कें, इमारते, रेलवे स्टेशन और शहरों के नाम बदलकर मुसलमानों